न गुलफ़ाम चाहिए, न सलाम चाहिए,
न मुबारक का कोई पैग़ाम चाहिए,
जिसको पी कर होश उड़ जायें,
लबों को ऐसा.. जाम चाहिए!
पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,
बस एक ही ख्याल दिल में आया है,
कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,
तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है।
फूल खिलते हैं बहारों का समा होता है,
ऐसे मौसम में ही तो प्यार जवां होता है,
दिल की बातों को होठों से नहीं कहते,
ये फ़साना तो निगाहों से बयाँ होता है।
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
कोई फर्क नही पड़ता
कि तुमने किसे चाहा
और कितना चाहा…..
हमें तो ये पता है
कि हमने तुम्हें चाहा
और हद से ज्यादा चाहा…
अधूरी सी कहानी दिल
की और पूरा प्यार तुम,
गीली पलकों की नमी
और बेरहम याद तुम,
अनछुआ दिल का कोना
और रुह मे घुला एहसास
हो सिर्फ तुम।
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
हम वो नही जो तुम्हे गम में छोड़ देंगे ,
हम वो नही जो तुजसे नाता तोड़ देंगे ,
हम वो हे जो तुम्हारी साँसे रुके तो ,
अपनी साँसे छोड़ देंगे …।।
“हमेँ कँहा मालूम था क़ि
इश्क़ होता क्या है..!
बस एक ‘तुम’ मिले
और ज़िन्दगी…
मुहब्बत बन गई!
गिले शिकवे दिलसे न लगा लेना.
.कभी रूठ जाऊ तो मना लेना.
.कल का क्या पता हम हो नहो.
.इसलिए जब भी मिलू.
.प्यार से मेरा हाथ थाम लेना
कल रात चाँद बिल्कुल आप जैसा था …
वो ही खूबसूरती, वो ही नूर, वो ही गुरुर,
और वैसे ही.. आप की तरह दूर।
तुम्हे देखना……
फिर तुम्हे सोचना ,
तुम्हे सोचना…..
फिर तुम्हे चाहना,
तुम्हे चाहना…..
फिर तुम्हे पाना,
तुम्हारे पास जाना…..
फिर तुम्हारा मेरे पास आना,
कितना प्यारा सा सफर है ये हमारे प्यार का
उनका हर अंदाज़ हकीकत है या ख्वाब है ,
खुशनसीबों के पास रहते हैं वो ,
मेरे पास तो बस उनकी मीठी सी याद है
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं…
मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है..
शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा , सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा ,
जाने क्या बात थी उसमें और मुझ में ,सारी महफ़िल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा
साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते
जब भी जख्म तेरे यादों के भरने लगते है,
किसी बहाने हम तुम्हे याद करने लगते है
हर अजनबी चेहरा पहचाना दिखाई देता है
जब भी हम तेरी गली से गुजरने लगते है
जिस रात को चाँद से तेरी बातें की हमने
सुबह की आँख मे आँसू उभरने लगते है
जिसने भर दिया दामन को बेरंग फूलों से
उनके एक दर्द पर हम क्यों तड़पने लगते है
दिल के दरवाजे पर कोई दस्तक नही होती
तेरा जिक्र’ होते ही दरो दीवार महकने लगते है
मिटा दे हर ख्याल जेहन की किताब से लेकिन
इबारत पे उनका नाम देखकर सिसकने लगते है
जो तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब
मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !
मेरी नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा ,
इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे,
रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे ,
इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा….